ठंड में अधिकांश लोग गर्म पानी से स्नान करते हैं। इसमें कई लोग ऐसे होते हैं जो पानी को एक सीमा से अधिक गर्म कर लेते हैं। इससे उन्हें नहाने में मजा तो आता है, लेकिन धीरे धीरे वे चर्म रोग के शिकार होने लगते हैं। इन दिनों अधिकांश अस्पतालों में इस तरह के मामले देखने को मिल रहे हैं।
सर्दियों का मौसम चर्म रोगों के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है। इस मौसम में त्वचा की समस्याएं बढ़ रही है। विशेषज्ञों के अनुसार ठंड में त्वचा को नमी कम हो जाती है। त्वचा रुचि और शुष्क हो जाती है। इसके लक्षणों में त्वचा में लालिमा, खुजली, दाद और लाल दाने आदि शामिल हैं। यदि आपको भी ऐसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं तो इसकी नजरअंदाज न करें। तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। समय से उपचार नहीं कराने से समस्या और बढ़ सकती है।
त्वचा तो सुरक्षित रखने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
- गर्म पानी के बजाय गुनगुने पानी से नहाएं।
- त्वचा को प्रतिदिन मॉइस्चराइज़ करें।
- त्वचा को साफ रखने के लिए माइल्ड साबुन लगाएं
- त्वचा पर ज्यादा दबाव न डालें।
ठंड में पुराने रोग भी उभर जाते हैं
अक्सर देखा जाता है कि ठंड में कई पुराने रोग उभर जाते हैं। इससे मरीज को दिक्कत होने लगती है। इन दिनों फेफड़ों में संक्रमण के मामले बढ़ रहे है। इन मरीजों में सांस लेने में दिक्कत होती है। डॉक्टरों के अनुसार फेफड़ों के मरीजों को सुबह में टहलने से बचना चाहिए। गर्म भोजन करना चाहिए।
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